मध्यमहेश्वर में फंसे 200 तीर्थयात्री, पैदल मार्ग ध्वस्त
देहरादून, 17 अगस्त 2025: उत्तराखंड में शनिवार रात से जारी मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। भूस्खलन के कारण द्वितीय केदार मध्यमहेश्वर के पैदल मार्ग का लगभग 50 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया है, जिससे गोंडार और बणतोली के बीच लगभग 200 तीर्थयात्री फंस गए। सूचना मिलते ही SDRF (राज्य आपदा प्रतिवादन बल) और DDRF (जिला आपदा प्रतिवादन बल) की टीमें मौके पर पहुंचीं और बचाव कार्य शुरू कर दिया। शाम तक 100 से अधिक यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा चुका था और शेष को निकालने का कार्य जारी है।
भारी बारिश के कारण प्रदेश में कई नदियों का जलस्तर चेतावनी रेखा के करीब पहुंच गया है। भूस्खलन के मलबे से हाईवे से लेकर संपर्क मार्ग तक जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। लोक निर्माण विभाग और सीमा सड़क संगठन की टीमें दिन भर सड़कों से मलबा हटाने में जुटी रहीं।
मौसम विभाग ने राज्य के लिए 21 अगस्त तक यलो अलर्ट जारी किया है, वहीं मंगलवार को बागेश्वर और पिथौरागढ़ में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान सही साबित हुआ, क्योंकि शनिवार रात से ही पूरे प्रदेश में बारिश शुरू हो गई थी।
जिला प्रशासन के अनुसार, मध्यमहेश्वर घाटी में फंसे श्रद्धालुओं को निकालने और मार्ग की मरम्मत के लिए टीमें लगातार काम कर रही हैं। राज्य आपातकालीन केंद्र ने मौसम के मिजाज और नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए आठ जिलों के लिए बाढ़ की चेतावनी जारी की है। प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह अलर्ट मोड पर हैं और नदियों की लगातार निगरानी की जा रही है।