फोटोग्राफी : लेंस के पार ठहरे पलों की अपनी दुनिया

फोटोग्राफी दिवस : लेंस के पार ठहरे पलों की अपनी दुनिया

देहरादून, 19अगस्त। कहा जाता है कि शब्द कभी-कभी धोखा दे सकते हैं, लेकिन तस्वीरें नहीं। फोटोग्राफी वह माध्यम है जो समय के एक क्षण को स्थायी बना देता है। इतिहास से लेकर व्यक्तिगत यादों तक, युद्धभूमि से लेकर विवाह मंडप तक—फोटोग्राफी हर जगह मौजूद है और समाज को आकार देने में लगातार भूमिका निभा रही है। मोबाइल क्रांति ने तो हर इंसान को फोटोग्राफर बना ही दिया है साथ ही सोशल मीडिया के इस दौर में फोटो लेना दिनचर्या का एक हिस्सा भी बन गया है। मौका चाहे गम का हो या खुशी का, मेल–मिलाप या जुदाई का, कैमरे में कैद ये पल हमेशा जीवंतता बनाए रखते हैं।

फोटोग्राफी का सफर दो सौ साल से भी लंबा है। 1826 में फ्रांस के जोसेफ निसेफोर नीप्‍से द्वारा ली गई पहली स्थायी तस्वीर से लेकर आज के हाई-डेफिनिशन डीएसएलआर तक, यह यात्रा तकनीकी क्रांति का प्रतीक है। 1839 में लुई डागुएरे की डागुएरोटाइप तकनीक ने आधुनिक फोटोग्राफी की नींव रखी। 19वीं सदी में कैमरा केवल अमीरों के स्‍टेटस और वैज्ञानिकों के शोध से ही जुडा था। 20वीं सदी ने इसे आम लोगों तक पहुँचाया और पत्रकारिता, कला तथा विज्ञापन में फोटोग्राफी ने अपनी अलग पहचान बनाई। लेकिन असली बदलाव डिजिटल युग लाया, जिसने फोटोग्राफी को दुनिया के हाथ- हाथ तक पहुँचा दिया। जटिलताओं से मुक्ति मिलते ही खेल बस एक ‘क्लिक’ तक सिमट गया। मोबाइल फोन के रूप में अब कैमरा हर पल हर जेब में होता है। जो जीवन के हर पल को यादगार बना रहा है।
सोशल मीडिया ने इस बदलाव को और तेज़ कर दिया। आज इंस्टाग्राम पर साझा की गई तस्वीरें लाखों लोगों के लिए पहचान और अभिव्यक्ति का माध्यम बन चुकी हैं। एक पारिवारिक फोटो एलबम उतना ही मूल्यवान है जितनी कोई ऐतिहासिक दस्तावेज़ी सामग्री। तस्वीरें इतिहास की भी सटीक गवाह होती हैं। वियतनाम युद्ध से लेकर हालिया जलवायु संकट तक, तस्वीरों ने जनमत को दिशा दी।
फोटोग्राफी और कमरों का सफर बेहद शानदार रहा है। फिल्म रोल से डिजिटल सेंसर तक। भारी कैमरों से जेब में फिट हो जाने वाले स्मार्टफोन तक। डार्करूम में विकसित होती तस्वीरों से लेकर एडिटिंग सॉफ़्टवेयर और एआई जनरेटेड इमेजेस तक। वक्त के साथ-साथ बदलती तकनीक ने फोटोग्राफी को आज एक अलग ही मुकाम पर पहुंचा दिया है। अब फोटोग्राफी केवल कला नहीं, बल्कि एक व्यवसाय और उद्योग भी बन गया है। शादी, फैशन, पर्यटन, फूड, प्रोडक्ट, इवेंट और मीडिया उद्योग में फोटोग्राफी आज अरबों डॉलर का व्यवसाय है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले समय में फोटोग्राफी और भी उन्नत रूप लेगी एआई संचालित कैमरे तस्वीरों को स्वयं बेहतर बनाएंगे। वर्चुअल रियलिटी और 3D इमेजिंग दर्शक को तस्वीर के भीतर खड़ा कर देंगी। ड्रोन और रोबोटिक कैमरे नई दृष्टि देंगे। होलोग्राफिक तस्वीरें केवल देखी नहीं, बल्कि महसूस भी की जा सकेंगी।
फोटोग्राफी केवल लेंस के पार की दुनिया नहीं है, बल्कि यह हमारे समय, समाज और भावनाओं की अभिव्यक्ति है। यह कला है, विज्ञान है, व्यवसाय है और सबसे बढ़कर संवाद का ऐसा माध्यम है जिसे भाषा की जरूरत नहीं। इतिहास इसकी गवाही देता है और भविष्य इसके नए अध्याय लिखने के लिए तैयार हैं।

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By Raju Pushola

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