महिला, युवा और भूतपूर्व सैनिकों के रोजगार के लिए बनेगी अलग नीति,धामी कैबिनेट का फैसला
भराडीसैंण, 20 अगस्त 2025: उत्तराखंड सरकार ने आज भराडीसैंण में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई ऐतिहासिक फैसले लिए। इसके तहत राज्य में युवाओं, महिलाओं और भूतपूर्व सैनिकों के लिए रोजगार के नए अवसर खोलने के लिए अलग-अलग नीति बनाई जाएगी। एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, सरकार ने अपराध पीड़ितों, विशेषकर पॉक्सो पीड़ितों के लिए सहायता योजना में संशोधन को मंजूरी दी है, जिससे उन्हें समयबद्ध और प्रभावी क्षतिपूर्ति मिल सकेगी। इसके अतिरिक्त, न्याय प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए ‘उत्तराखण्ड साक्षी संरक्षण योजना, 2025’ को भी हरी झंडी दिखा दी गई है।
रोजगार और कौशल विकास पर विशेष ज़ोर
कैबिनेट ने युवाओं, महिलाओं और भूतपूर्व सैनिकों के लिए रोजगार के साधन बढ़ाने, कौशल विकास को बढ़ावा देने और सरकारी तथा निजी संस्थानों में नौकरी प्रदान करने हेतु अलग-अलग नीतियां बनाने का निर्णय लिया है। सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी जैसे सरकारी सेवा, नीट, नर्सिंग, विदेशी भाषाओं का प्रशिक्षण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में व्यापक प्रशिक्षण की व्यवस्था करेगी। युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए बड़े पैमाने पर युवा महोत्सव और रोजगार मेलों का आयोजन किया जाएगा। व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आईटीआई, पॉलिटेक्निक और स्कूल आपस में समन्वय स्थापित करेंगे। इसके साथ ही, युवाओं और महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मौन पालन, एप्पल मिशन और बागवानी जैसे क्षेत्रों में हर ब्लॉक में प्रारंभिक चरण में 200 लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्वैच्छिक चकबंदी योजना भी जल्द शुरू की जाएगी।
स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग और आईटीबीपी के बीच फलों, सब्जियों और दूध की खरीद के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसी तरह, एसएसबी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ भी MoU किए जाएंगे, जिससे स्थानीय आजीविका को बढ़ावा मिलेगा। निजी क्षेत्रों में भी स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए उद्योग विभाग के माध्यम से मार्केट लिंकेज की व्यवस्था की जाएगी। भूतपूर्व सैनिकों, जो वर्तमान में उपनल के माध्यम से कार्य करते हैं, को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा और उनकी योग्यता के आधार पर उन्हें विभिन्न संस्थानों में सेवाओं से जोड़ने की दिशा में कार्य किया जाएगा।
अपराध पीड़ितों को त्वरित न्याय और सहायता
उत्तराखंड अपराध से पीड़ित सहायता (संशोधन) योजना, 2025 को भी मंजूरी प्रदान कर दी गई है। सचिव गृह शैलेश बगोली ने बताया कि यह संशोधन विशेष रूप से पॉक्सो एक्ट के तहत पीड़ितों को क्षतिपूर्ति भुगतान में आ रही व्यावहारिक कठिनाइयों को दूर करेगा। अब इस योजना के तहत पॉक्सो पीड़ितों के लिए न्यूनतम और अधिकतम क्षतिपूर्ति राशि निर्धारित करते हुए नए प्रावधान अनुसूची-2 के रूप में शामिल किए गए हैं, जिससे पीड़ितों को समयबद्ध और प्रभावी सहायता मिल सकेगी।
साक्षी संरक्षण से न्याय व्यवस्था को मजबूती
न्याय व्यवस्था को सशक्त और निष्पक्ष बनाने के लिए राज्य सरकार ने ‘उत्तराखण्ड साक्षी संरक्षण योजना, 2025’ को भी मंजूरी दी है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य साक्षियों को किसी भी प्रकार के भय, दबाव या प्रतिशोध से मुक्त रखकर उन्हें न्यायालय के समक्ष स्वतंत्रतापूर्वक और सत्यनिष्ठा से गवाही देने के लिए सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराना है। योजना के अंतर्गत विभिन्न स्तरों पर पहचान गोपनीयता, स्थान परिवर्तन, संपर्क विवरण में बदलाव, भौतिक सुरक्षा व्यवस्था और आवश्यकतानुसार वित्तीय सहायता जैसे सुरक्षा उपायों का प्रावधान किया गया है। सभी निर्णयों में गोपनीयता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए एक राज्य साक्षी संरक्षण समिति का गठन किया गया है, जिसमें न्यायपालिका, पुलिस और जनपद स्तर के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। यह समिति साक्षियों की सुरक्षा आवश्यकता का आकलन कर समयबद्ध रूप से उपयुक्त संरक्षण उपाय सुनिश्चित करेगी। इस पहल से राज्य सरकार ने न्याय की प्रक्रिया को निष्पक्ष और सुरक्षित बनाने की अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता को दोहराया है।