पिथौरागढ का एक गांव हुआ ‘खूनी’ दाग से मुक्त
भराडीसैंण, 20 अगस्त 2025 : अंग्रेजी के महान कवि और नाटककार विलियम शेक्सपियर ने एक बार कहा था कि नाम में क्या रखा है। लेकिन सच तो यह कि नाम में बहुत कुछ रखा है। यदि ऐसा न होता तो पिथौरागढ का एक गांव अपने ‘अभिशप्त’ नाम से मुक्ति पाने के लिए इस कदर एडियां न रगडता। आखिरकार एक बेदाग गांव को अपनी ‘खूनी’ दास्तां से अब जाकर मुक्ति मिल ही गई। जन सामान्य से लेकर राजस्व अभिलेखों तक में खूनी गांव के नाम से प्रचलित इस गांव का नाम बदलकर अब देवीग्राम कर दिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों से केंद्र से मिली सहमति के बाद मंगलवार को इस आशय की अधिसूचना जारी कर दी गई।
पिथौरागढ़ तहसील से करीब 10 किलोमीटर दूर बसे ग्राम खूनी में करीब 55 परिवार रहते हैं। रहस्य और रोमांच से भरपूर इस गांव की कहानी किसी की भी दिलचस्पी जगा सकती है। गांव का नाम खूनी क्यों पडा ? इसको लेकर इलाके में तरह-तरह के किस्से प्रचलित हैं। हालांकि इन कहानियों का कोई ऐतिहासिक प्रमाण मौजूद नहीं है। एक कहानी के अनुसार ब्रिटिश शासन काल के दौरान लोगों ने गांव में घुस आए कुछ अत्याचारी अंग्रेजों को मार डाला। तब से अंग्रेज इस गांव को खूनी पुकारने लगे। एक और कहानी यह है कि पहले गांव का नाम खोली था, लेकिन अंग्रेज अफसर यह उच्चारित नहीं कर पाते थे। वे खोली का उच्चारण खूनी करने लगे और राजस्व अभिलेखों में भी यही दर्ज किया गया। कुछ लोग इस नाम को लेकर रहस्यमयी बातों का भी उल्लेख करते हैं। खैर, वजह चाहे जो हो, लेकिन इस नाम ने वहां रहने वालों का जीवन अभिशप्त जरूर कर दिया। इस नाम के कारण उन्हें हर जगह शर्मिंदगी उठानी पड रही थी। यहां तक कि शादी-ब्याह के लिए रिश्ते तलाशना भी चुनौती बन चुका था। आखिरकार गांव वालों ने सरकार से नाम बदलने की गुहार लगाई।
मंगलवार को भराणीसैंण में सरकार की ओर से एक बयान जारी कर बताया गया कि ग्राम “खूनी” का नाम बदलकर अब “देवीग्राम” कर दिया गया है। मुख्यमंत्री के विशेष प्रयासों से भारत सरकार ने खूनी ग्राम का नाम बदलने की अनुमति प्रदान कर दी है। इसके बाद उत्तराखंड शासन के राजस्व विभाग ने इसकी विधिवत अधिसूचना जारी कर दी । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि स्थानीय निवासी लंबे समय से गांव का नाम बदलने की मांग कर रहे थे, उनकी भावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार ने भारत सरकार से अनुमोदन प्राप्त कर अब यह मांग पूरी कर दी है। अब आधिकारिक रूप से ग्राम “खूनी” को “देवीग्राम” के नाम से जाना जाएगा। यह कदम राज्य सरकार की जनभावनाओं के प्रति प्रतिबद्धता और सांस्कृतिक संवेदनशीलता का प्रतीक है।